Thursday, 25 August 2016
Rajendra Prasad Biography in Hindi
Rajendra Prasad डा. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को बिहार के एक छोटे से गाँव जीरोदई में हुआ था | उनके पूर्वज सयुंक्त प्रान्त के अमोढ़ा नाम की जगह से पहले बलिया और फिर बाद में सारन (बिहार ) के जीरोदाई आकर बसे थे | पिता महादेव सहाय की तीन बेटियाँ और दो बेटे तह जिनमे से वह सबसे छोटे थे | प्रारम्भिक शिक्षा उन्ही के गाँव जीरोदाई में हुयी थी | पढाई की तरफ इनका रुझान बचपन से ही था | 1896 में वह जब पांचवी कक्षा में थे तब बारह वर्ष की उम्र में उनकी शादी राजवंशी देवी से हुयी |
बिहार में अंग्रेज सरकार के नील के खेत थे | सरकार अपने मजदूरों को उचित वेतन नही देती थी | 1917 में गांधीजी ने बिहार आकर इस समस्या को दूर करने की पहल की | उसी दौरान डा. राजेन्द्र प्रसाद उनसे मिले और उनकी विचारधारा से प्रभावित हुए | 1919 में पुरे भारत में सविनय आन्दोलन की लहर थी | गांधी जी ने सभी स्कूल ,सरकारी कार्यालयों का बहिष्कार करने की अपील की ,जिसके बाद डा. राजेन्द्र प्रसाद ने अपनी नौकरी छोड़ दी |चम्पारण आन्दोलन के दौरान राजेन्द्र प्रसाद Rajendra Prasad ,गांधीजी के वफादार साथी बन गये थे | गांधी जी के प्रभाव में आने के बाद उन्होंने अपनी पुरानी विचारधाराओ का त्याग कर दिया और एक नई उर्जा के साथ आन्दोलन में भाग लिया | 1931 में कांग्रेस ने आन्दोलन छेड़ दिया | इस दौरान डा. राजेन्द्र प्रसाद को कई बार जेल जाना पड़ा | उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया | इस दौरान वह गिरफ्तार हुए और नजरबंद कर दिए गये |भले ही 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुयी ,लेकिन सविधान सभा का गठन उससे कुछ समय पहले ही कर लिया गया था जिसके अध्यक्ष डा. राजेन्द्र प्रसाद चुने गये थे | सविधान पर हस्ताक्षर करके डा. राजेन्द्र प्रसाद ने ही इसे मान्यता दी थी | भारत की राष्ट्रपति बनने से पहले वह एक मेधावी छात्र , जाने माने वकील , आन्दोलनकारी , सम्पादक ,राष्ट्रीय नेता ,तीन बार अखिल भारतीय कमेटी के अध्यक्ष ,भारत के खाद्य मंत्री एवं कृषि मंत्री और सविधान सभा के अध्यक्ष रह चुके थे |
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